नई दिल्ली: ऑनलाइन गेमिंग उद्योग (online gaming industry) को लेकर सरकार ने एक बड़ा और अहम कदम उठाया है । लोकसभा ने ‘ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन एवं नियमन विधेयक, 2025’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया है। इस विधेयक (bill) का सीधा मकसद है पैसे पर आधारित (money-based) ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध (ban) लगाना, साथ ही उनके विज्ञापन (advertisements) और बैंकों के जरिए होने वाले लेनदेन पर भी रोक लगाना।
इस कदम पर गेमिंग इंडस्ट्री (gaming industry) के एक बड़े हिस्से ने खुशी जाहिर की है । उनका मानना है कि इससे उद्योग को साख मिलेगी । हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने इसे लेकर गंभीर आशंकाएं (concerns) भी जाहिर की हैं, खासतौर पर छोटे गेमिंग स्टार्टअप्स (startups) के लिए।
क्यों है गेमिंग इंडस्ट्री खुश? ई-स्पोर्ट्स को मिलेगी नई पहचान
विधेयक में ई-स्पोर्ट्स (e-sports) को आधिकारिक रूप से मान्यता देने का प्रावधान है । यह बात गेमिंग कम्युनिटी (community) के लिए सबसे सकारात्मक (positive) खबर है ।
– नोडविन गेमिंग के सह-संस्थापक अक्षत राठी ने कहा, “ई-स्पोर्ट्स को प्रोत्साहन देना एक बड़ा सकारात्मक कदम है ।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक में परिभाषाएं (definitions) साफ होनी चाहिए, ताकि अलग-अलग सेगमेंट (segments) में कोई भ्रम (confusion) न फैले।
– एस8यूएल के सह-संस्थापक अनिमेश अग्रवाल ने इस बिल का स्वागत किया । उन्होंने कहा, “यह विधेयक कौशल-आधारित (skill-based) गेमिंग और सट्टेबाजी (betting) में साफ फर्क करके ऑनलाइन गेमिंग इकोसिस्टम (ecosystem) की साख बचाने का काम करता है ।”
– सुपरगेमिंग के सह-संस्थापक रॉबी जॉन ने कहा कि वीडियो गेम को सरकार से ई-स्पोर्ट की मान्यता मिलने से अब वीडियो गेम इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर (global level) पर बढ़ावा मिलना तय है ।
विधेयक को बताया ‘दोधारी तलवार’: क्या हैं प्रमुख चिंताएं?
जहां एक तरफ उद्योग खुश है, वहीं दूसरी तरफ कुछ विशेषज्ञों ने इसे ‘दोधारी तलवार’ (double-edged sword) बताया है। उनका मानना है कि यह बिल कुछ सेक्शन को फायदा पहुंचाएगा, लेकिन कुछ को नुकसान भी हो सकता है ।
ग्रांट थॉर्नटन भारत के अनन्य जैन ने कहा कि विधेयक में किए गए कड़े प्रतिबंध (strict restrictions) छोटे गेमिंग स्टार्टअप्स और नए डेवलपर्स (developers) के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इन नए नियमों का पालन करने का बोझ (compliance burden) उन पर ज्यादा पड़ सकता है, जिससे उनका विकास (development) रुक सकता है ।
₹2 लाख करोड़ का उद्योग: सरकार को लिखा पत्र
यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि ऑनलाइन गेमिंग अब सिर्फ टाइमपास का साधन नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था (economy) में एक बड़ा योगदान दे रहा है। गेमिंग उद्योग से जुड़े तीन बड़े संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर इस बात पर जोर दिया है ।
– पत्र लिखने वाले संगठन: ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, ई-गेमिंग फेडरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स।
– उद्योग का मूल्य (Value): पत्र में बताया गया है कि इस सेक्टर का वैल्यूएशन (valuation) ₹2 लाख करोड़ से भी ज्यादा है।
– टैक्स राजस्व (Tax Revenue): यह क्षेत्र हर साल सरकार को टैक्स के रूप में ₹20,000 करोड़ से ज्यादा का राजस्व (revenue) देता है।
इन आंकड़ों से साफ है कि सरकार को इस उद्योग के लिए एक संतुलित (balanced) दृष्टिकोण अपनाना होगा। विधेयक एक सही दिशा में एक शुरुआत है, लेकिन इसमें अभी भी कुछ कमी है जिसे सरकार और उद्योग के बीच बातचीत (dialogue) से दूर किया जा सकता है।
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