हैदराबाद: सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी (ONGC) आंध्र प्रदेश के कोनसीमा जिले में एक बड़ा और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। कंपनी इस प्रोजेक्ट में 4,600 करोड़ रुपये से ज़्यादा का निवेश करेगी। इस परियोजना का उद्देश्य कृष्णा-गोदावरी (KG) बेसिन में गैस के भंडार की खोज करना और उसे निकालना है।
इस प्रोजेक्ट के लिए ओएनजीसी ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से नई मंजूरी मांगी है। मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EAC) की बैठक के ब्योरे में यह जानकारी दी गई है। यह मेगा प्रोजेक्ट देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
4,600 करोड़ का ONGC मेगा प्रोजेक्ट: क्या-क्या बनेगा?
ONGC की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर (infrastructure) का निर्माण शामिल है:
– 10 नए कुएं: कंपनी केजी बेसिन में तेल और गैस की खोज के लिए 10 नए कुएं खोदेगी।
– 2 मानव-रहित प्लेटफॉर्म: इन कुओं को संभालने के लिए समुद्र में दो मानव-रहित प्लेटफॉर्म स्थापित किए जाएंगे।
– पाइपलाइन और गैस प्लांट: गैस को निकालने के लिए एक समुद्री पाइपलाइन (pipeline) बिछाई जाएगी और तट पर एक बड़ा गैस प्रसंस्करण संयंत्र (gas processing plant) भी बनाया जाएगा।
ईएसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत 4,606.35 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, कंपनी पर्यावरण प्रबंधन योजना (EMP) के लिए 14 करोड़ रुपये और कॉरपोरेट पर्यावरण जिम्मेदारी (CER) के लिए 14 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट भी खर्च करेगी।
पर्यावरण मंजूरी और चुनौतियाँ
इस प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले ओएनजीसी को कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
– EAC ने प्रस्ताव टाला: पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति (EAC) ने फिलहाल ओएनजीसी के इस प्रस्ताव को टाल दिया है।
– मांगी गई अतिरिक्त जानकारी: समिति ने कंपनी से कुछ ज़रूरी जानकारी मांगी है, जिसमें व्यापक जैव विविधता आकलन (comprehensive biodiversity assessment) और पर्यावरण बहाली कार्ययोजना (environmental restoration action plan) शामिल हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यह प्रोजेक्ट पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचाए।
ONGC में रोजगार और आर्थिक विकास
यह परियोजना सिर्फ़ गैस निकालने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फ़ायदा मिलेगा।
– 460 लोगों को रोजगार: इस प्रोजेक्ट से 150 प्रत्यक्ष (direct) और 310 अप्रत्यक्ष (indirect) रोजगार (jobs) के अवसर पैदा होने का अनुमान है।
– सामाजिक और पर्यावरण जिम्मेदारी: ओएनजीसी ने पर्यावरण प्रबंधन और सामाजिक जिम्मेदारी पर जो पैसा खर्च करने का फ़ैसला किया है, वह दिखाता है कि कंपनी विकास के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर है।
ओएनजीसी का यह मेगा प्रोजेक्ट देश की ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा क़दम है। हालाँकि, इसे शुरू करने से पहले कंपनी को पर्यावरण संबंधी सभी चिंताओं का समाधान करना होगा। यह दिखाता है कि आज के दौर में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को पर्यावरण सुरक्षा के साथ संतुलित करना कितना ज़रूरी हो गया है।
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