Sunday, August 10, 2025

Toyota Mobility Foundation की पहल: वाराणसी में Sustainable Urbanization Challenge के लिए 5 कंपनियों का चयन

नई दिल्ली: Toyota Mobility Foundation  (TMF) ने भारत के सबसे प्राचीन और पवित्र शहरों में से एक वाराणसी की भीड़भाड़ की समस्या को सुलझाने के लिए एक बड़ी पहल की है। 30 लाख अमेरिकी डॉलर की ‘टिकाऊ शहरीकरण चुनौती’ के तहत, TMF ने पाँच कंपनियों का चयन किया है। इन कंपनियों का काम वाराणसी में भीड़ प्रबंधन के लिए नए और इनोवेटिव (innovative) समाधान खोजना है, ताकि जाम को कम किया जा सके और लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही को बेहतर बनाया जा सके।

यह प्रोजेक्ट TMF द्वारा चैलेंज वर्क्स और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर चलाया जा रहा है। ये पाँच कंपनियाँ अब अगले छह महीने तक अपने-अपने आइडिया पर काम करेंगी।

क्यों वाराणसी पर है ख़ास फोकस?

वाराणसी को अक्सर भारत की आध्यात्मिक राजधानी कहा जाता है।

– लाखों श्रद्धालुओं का आगमन: हर साल लाखों लोग इस शहर में दर्शन और गंगा में डुबकी लगाने आते हैं, जिससे यहाँ की संकरी गलियों और सड़कों पर अक्सर भारी भीड़ हो जाती है।

– भीड़ प्रबंधन की चुनौती: इस भीड़ को मैनेज करना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है, ख़ासकर त्यौहारों और ख़ास मौक़ों पर।

चयनित 5 कंपनियों के समाधान

ये पाँच कंपनियाँ AI (कृत्रिम मेधा) और अर्बन प्लानिंग (urban planning) जैसी आधुनिक तकनीकों में माहिर हैं।

– चुनी गई कंपनियाँ: जिन पाँच कंपनियों का चयन किया गया है, उनमें सिटीडेटा इंक, आर्काडिस, वोजिक एआई, द अर्बनाइज़र और प्रमेय कंसल्टिंग प्राइवेट लि. शामिल हैं।

– फंडिंग और समय-सीमा: हर कंपनी की टीम को ₹1,30,000 अमेरिकी डॉलर की राशि दी जाएगी ताकि वे वाराणसी में अपने प्रस्तावित समाधानों को लागू कर सकें और उनका परीक्षण कर सकें। यह काम अगले छह महीने में पूरा करना होगा।

चुनौती का उद्देश्य और भविष्य की योजना

इस चुनौती का उद्देश्य केवल एक तात्कालिक समाधान खोजना नहीं है, बल्कि एक ऐसा मॉडल बनाना है जिसे भविष्य में अन्य शहरों में भी लागू किया जा सके।

– पैदल यात्रियों पर फोकस: यह पहल ख़ासकर पैदल यात्रियों और श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुगम बनाने पर केंद्रित है, जिससे उनका अनुभव बेहतर हो सके।

– ग्लोबल पार्टनरशिप: TMF जैसी एक वैश्विक संस्था का इस तरह की चुनौती को भारत में लाना, यह दिखाता है कि भारत की शहरी समस्याएँ अब विश्व स्तर पर भी चर्चा का विषय बन रही हैं।

टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन की यह पहल एक अच्छा उदाहरण है कि कैसे टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और अर्बन प्लानिंग के ज़रिए शहरों की पुरानी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। वाराणसी में इन कंपनियों का काम न सिर्फ़ इस पवित्र शहर को बेहतर बनाएगा, बल्कि भारत के अन्य शहरों के लिए भी एक मिसाल कायम कर सकता है।

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