न्यूयॉर्क: अमेरिका की प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) ने अदाणी समूह के अध्यक्ष Gautam Adani और उनके भतीजे सागर अदाणी को कानूनी दस्तावेज सौंपने के लिए भारत सरकार से सहयोग (cooperation) मांगा है। एसईसी ने न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत (federal court) में यह जानकारी दी है। यह कदम एसईसी की उस जांच (investigation) का हिस्सा है, जिसमें अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) द्वारा बॉन्ड (bonds) जारी करने के मामले में अमेरिकी निवेशकों को कथित तौर पर गुमराह (misled) करने के आरोप हैं।
अमेरिकी एजेंसी SEC क्यों है भारत सरकार के संपर्क में?
एसईसी ने गौतम अदाणी (Gautam Adani ) और सागर अदाणी को सीधे समन (summons) नहीं भेजा है, क्योंकि ये दोनों भारतीय नागरिक हैं और भारत में रहते हैं। किसी विदेशी नागरिक को सीधे समन भेजने का अधिकार (authority) एसईसी के पास नहीं है।
– हेग कन्वेंशन का इस्तेमाल: एसईसी इस मामले में हेग सेवा कन्वेंशन (Hague Service Convention) के प्रावधानों के तहत समन और शिकायत (complaint) को औपचारिक (formally) तौर पर प्रतिवादी तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। हेग कन्वेंशन एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जो विभिन्न देशों में कानूनी दस्तावेजों की सेवा (service) को सुगम (facilitate) बनाती है।
– भारत के विधि मंत्रालय से संपर्क: एसईसी ने भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय (Ministry of Law and Justice) से समन तामील (serve the summons) कराने के लिए मदद मांगी है। अदालत में दाखिल दस्तावेज (document) में एसईसी ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों ने उसके अनुरोध (request) पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।
क्या है पूरा मामला और क्या हैं आरोप?
यह केस (case) अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) द्वारा 2021 में जारी किए गए बॉन्ड से संबंधित है।
– 26.5 करोड़ डॉलर का मामला: एसईसी का आरोप (allegation) है कि नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति ठेका (renewable energy supply contract) हासिल करने के लिए $26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर दिए गए थे।
– गलत जानकारी देने का आरोप: एसईसी का कहना है कि एजीईएल ने बॉन्ड जारी करते समय अमेरिकी निवेशकों को अपनी वित्तीय स्थिति (financial condition) और कुछ आंतरिक गतिविधियों (internal activities) के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी (false and misleading information) दी थी।
– अदाणी समूह का रुख: Adani Groupने इन सभी आरोपों को आधारहीन (baseless) बताते हुए उन्हें सिरे से खारिज (completely dismissed) कर दिया है।
आगे की राह: भारत सरकार का रुख क्या होगा?
एसईसी ने अदालत को बताया है कि वह भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय के साथ संवाद जारी रखेगा और हेग कन्वेंशन के माध्यम से प्रतिवादियों को समन भेजने का उसका इरादा (intention) है। इस मामले में अगली सुनवाई की कोई तारीख अभी तक तय नहीं की गई है।
इस मामले का अदाणी समूह पर क्या असर होगा?
एसईसी द्वारा Gautam Adani और उनके भतीजे को समन भेजने की कोशिश अदाणी समूह के लिए चुनौतीपूर्ण (challenging) साबित हो सकती है।
– निवेशकों का भरोसा: अमेरिका जैसे देश के प्रमुख नियामक (major regulator) द्वारा इस तरह की जांच वैश्विक निवेशकों (global investors) के भरोसे (trust) पर असर डाल सकती है।
– कानूनी प्रक्रिया: भले ही अदाणी समूह ने आरोपों को खारिज कर दिया हो, लेकिन कानूनी प्रक्रिया (legal process) में लंबा समय लग सकता है, जिससे कंपनी के लिए नई फंडिंग (new funding) जुटाना और अमेरिका में बिजनेस करना मुश्किल हो सकता है।
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