Investors के लिए खुशखबरी! MCX ने Nickel Futures Contracts में बदलाव करके Trading को बनाया आसान और फायदेमंद

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नई दिल्ली: MCX की ओर से कमोडिटी मार्केट में निवेश करने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत के सबसे बड़े जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स (MCX) ने अपने निकल वायदा अनुबंधों (nickel futures contracts) की शर्तों में कुछ अहम बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मकसद ट्रेडिंग (trading) को और ज्यादा आसान, पारदर्शी और आधुनिक बनाना है। ये संशोधन (amendments) 18 अगस्त से ही लागू हो गए हैं। एक्सचेंज का यह कदम बाजार की दक्षता (efficiency) बढ़ाने और इसे वैश्विक मानकों (global standards) के बराबर लाने की कोशिश है।

क्या है MCX का यह बड़ा फैसला और क्यों किया गया बदलाव?

एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) प्रवीण राय ने कहा कि ये बदलाव एक्सचेंज के निकल वायदा समझौतों को ज्यादा कुशल, पारदर्शी और बाजार की जरूरतों के हिसाब से बनाने की कोशिश का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि एक्सचेंज चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग निकल में ट्रेडिंग करें और उन्हें बेहतर अनुभव मिले।

इन बदलावों से बाजार में तरलता (liquidity) बढ़ेगी। तरलता का सीधा मतलब है कि बाजार में खरीदने और बेचने वाले हमेशा मौजूद रहेंगे, जिससे आप जब चाहे ट्रेड कर सकेंगे। यह छोटे निवेशकों के लिए भी आसान हो जाएगा।

ट्रेडिंग यूनिट में बदलाव: छोटे निवेशकों के लिए बड़ा मौका

एमसीएक्स के इस फैसले का सबसे बड़ा असर ट्रेडिंग यूनिट पर हुआ है।

– पहले निकल वायदा अनुबंध की एक ट्रेडिंग यूनिट 1,500 किलोग्राम की होती थी।

– अब इसे घटाकर सिर्फ 250 किलोग्राम कर दिया गया है।

इसका सीधा फायदा छोटे और मध्यम निवेशकों को होगा। अब वे कम पूंजी के साथ भी निकल वायदा में ट्रेडिंग कर सकेंगे। यह बदलाव सितंबर 2025 में समाप्त होने वाले अनुबंधों और उसके बाद के सभी अनुबंधों पर लागू होगा। यह कदम निकल वायदा बाजार में नए ट्रेडर्स को आकर्षित करेगा और बाजार की कुल भागदारी (participation) को बढ़ाएगा।

एक्सपायरी डेट और डिलीवरी सेंटर में भी बदलाव

ट्रेडिंग यूनिट के अलावा, एक्सचेंज ने दो और महत्वपूर्ण बदलाव भी किए हैं।

1. एक्सपायरी डेट: वायदा अनुबंध का अंतिम कारोबारी दिन अब समाप्ति महीने के अंतिम दिन के बजाए महीने के तीसरे बुधवार को होगा। अगर उस दिन छुट्टी होती है, तो उससे पहले वाले कार्यदिवस को अंतिम कारोबारी दिन माना जाएगा। यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों के मानकों के हिसाब से है, जो भारतीय बाजार को वैश्विक बाजार के साथ और करीब लाएगा।

2. डिलिवरी सेंटर: पहले चेन्नई, एनसीआर और कोलकाता में भी डिलिवरी सेंटर होते थे, लेकिन अब उन्हें हटा दिया गया है। अब सेबी (SEBI) के परिपत्र के अनुसार, एक्सचेंज महाराष्ट्र के ठाणे स्थित मौजूदा डिलिवरी सेंटर के 100 किलोमीटर के दायरे में स्थित गोदामों (warehouses) को मान्यता दे सकते हैं। यह कदम डिलिवरी प्रक्रिया को और ज्यादा सरल और कुशल बनाएगा।

निवेशकों के लिए क्या है संकेत?

एमसीएक्स का यह निर्णय एक साफ संकेत देता है कि वह अपने बाजार को लगातार बेहतर बनाना चाहता है। ट्रेडिंग यूनिट घटाने से निकल जैसे कमोडिटी में ट्रेडिंग करने के लिए अब कम पूंजी की जरूरत होगी। इससे ज्यादा निवेशक बाजार में आ सकेंगे। एक्सपायरी डेट और डिलिवरी सेंटर में बदलाव बाजार को और ज्यादा पेशेवर (professional) बनाएगा।

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