Friday, August 1, 2025

SEBI ने ‘डब्बा कारोबार’ को लेकर फिर चेताया: निवेशकों को अवैध गतिविधियों से दूर रहने की सख्त सलाह!

नई दिल्ली: भारतीय पूंजी बाजार को विनियमित करने वाली संस्था, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India – SEBI) ने एक बार फिर निवेशकों को ‘डब्बा कारोबार’ (Dabba Trading) से दूर रहने की कड़ी चेतावनी जारी की है। सोमवार को सेबी ने स्पष्ट किया कि डब्बा कारोबार पूरी तरह से अवैध (illegal) है और इसमें शामिल होने वाले निवेशकों को बड़े जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। नियामक ने निवेशकों से ऐसी अवैध कारोबारी सेवाएं देने वाली किसी भी इकाई से लेन-देन नहीं करने का आग्रह किया है।

क्या है ‘डब्बा कारोबार’ और क्यों है यह अवैध?

बाजार की भाषा में, ‘डब्बा कारोबार’ से आशय अवैध और बाजार से इतर कारोबार (illegal and off-market trading) से है। यह कारोबार मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों (recognized stock exchanges) और नियामकीय निगरानी (regulatory oversight) के दायरे से बाहर होता है। इसका सीधा मतलब है कि इसमें कोई कानूनी सुरक्षा या नियामक निरीक्षण नहीं होता, जिससे निवेशकों के साथ धोखाधड़ी और हेराफेरी की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

सेबी ने अपने बयान में कहा कि ऐसी गतिविधियां निवेशकों के लिए बड़ा जोखिम (significant risk) पैदा करती हैं। इसके अलावा, यह प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956 (Securities Contracts (Regulation) Act, 1956 – SCRA), सेबी अधिनियम, 1992 (SEBI Act, 1992) और भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन भी है।

नियामक ने कहा, “यह बात फिर से दोहराई जा रही है कि डब्बा कारोबार अवैध है। सेबी नियामकीय उपायों, जागरूकता और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ मिलकर निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। निवेशकों को सतर्क रहने और अवैध कारोबारी सेवाएं देने वाली किसी भी संस्था से लेन-देन नहीं करने की सलाह दी जाती है।”

विज्ञापन पर SEBI का कड़ा संज्ञान और त्वरित कार्रवाई

सेबी का यह बयान पिछले सप्ताह एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित डब्बा कारोबार गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले एक विज्ञापन पर गंभीरता से संज्ञान लेने के बाद आया है। इस विज्ञापन ने नियामक का ध्यान खींचा, क्योंकि यह गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था और निवेशकों को संभावित रूप से गुमराह कर रहा था।

इस विज्ञापन के बाद, सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange – NSE) के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

* समाचार पत्र को पत्र: सेबी ने संबंधित समाचार पत्र को एक पत्र जारी कर ऐसे विज्ञापन के प्रकाशन पर अपनी चिंता व्यक्त की है जो गैरकानूनी कारोबारी गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है और निवेशकों को संभावित रूप से गुमराह करता है। यह कदम मीडिया हाउसों को ऐसे विज्ञापनों के प्रकाशन के प्रति अधिक जिम्मेदार होने की चेतावनी देता है।

* साइबर पुलिस में शिकायत: नियामक ने साइबर पुलिस (Cyber Police) में भी एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उस इकाई और अन्य संबंधित इकाइयों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। यह दर्शाता है कि सेबी अवैध डब्बा कारोबार में शामिल संस्थाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।

* एएससीआई को मामला: साथ ही, विज्ञापन मानकों के उल्लंघन का आकलन करने और उचित सुधारात्मक कदम सुनिश्चित करने के लिए यह मामला भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (Advertising Standards Council of India – ASCI) के संज्ञान में लाया गया है। एएससीआई एक स्व-नियामक निकाय है जो भारत में विज्ञापन के लिए नैतिक मानकों को सुनिश्चित करता है।

* एनएसई द्वारा चेतावनी: इसके अतिरिक्त, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने भी निवेशकों के लिए चेतावनी जारी करते हुए जनता को इस विशिष्ट मामले और इसमें शामिल इकाइयों के बारे में सचेत रहने को कहा है। साथ ही डब्बा कारोबार में शामिल होने के खतरों को दोहराया गया है। एनएसई ने कहा है कि निवेशकों को केवल सेबी-पंजीकृत ब्रोकर (SEBI-registered broker) और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों (recognized stock exchanges) के माध्यम से ही कारोबार करना चाहिए।

निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण सलाह: क्यों रहें डब्बा कारोबार से दूर?

डब्बा कारोबार में पारदर्शिता और सुरक्षा का अभाव होता है। इसमें निवेशकों का पैसा सीधे किसी अनियमित व्यक्ति या संस्था के पास जाता है, न कि किसी मान्यता प्राप्त एक्सचेंज पर। इससे निम्न जोखिम पैदा होते हैं:

* धोखाधड़ी का उच्च जोखिम: पैसे के गबन या गलत रिपोर्टिंग की संभावना।
* कानूनी सुरक्षा का अभाव: किसी विवाद की स्थिति में कानूनी राहत प्राप्त करना मुश्किल।
* बाजार हेरफेर: डब्बा ऑपरेटर अपने फायदे के लिए कीमतों में हेरफेर कर सकते हैं।
* कोई नियामक निरीक्षण नहीं: निवेशकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कोई नियामक निकाय नहीं होता।

सेबी और एनएसई द्वारा जारी की गई ये चेतावनियां और की गई कार्रवाई भारतीय पूंजी बाजार की अखंडता को बनाए रखने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियामक की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। निवेशकों को हमेशा केवल वैध और विनियमित प्लेटफार्मों के माध्यम से ही व्यापार करना चाहिए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments