बेंगलुरु: बेंगलुरु मेट्रो की ‘येलो लाइन’ के उद्घाटन के दौरान Congress ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बेंगलुरु मेट्रो की ‘येलो लाइन’ के उद्घाटन के दौरान एक बड़ा और सीधा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इस परियोजना की कुल लागत का 80 से 90% हिस्सा कर्नाटक सरकार ने उठाया है, जबकि केंद्र सरकार का योगदान बहुत कम, यानी सिर्फ़ 20% है। यह बयान सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच बेंगलुरु मेट्रो परियोजना का श्रेय लेने को लेकर चल रही खींचतान के बीच आया है।
शिवकुमार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कर्नाटक की पूरी तरह से उपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि केंद्र को इस परियोजना की लागत का 50% वहन करना था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
Congress का आरोप – केंद्र ने की उपेक्षा
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘येलो लाइन’ का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित करने की वजह भी बताई।
– सम्मान की वजह से निमंत्रण: उन्होंने कहा, “हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करते हुए उनसे मेट्रो की ‘येलो लाइन’ का उद्घाटन करने का अनुरोध किया था।”
– केंद्र पर उपेक्षा का आरोप: इसके साथ ही उन्होंने केंद्र पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने कर्नाटक को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया है। उन्होंने बताया कि ज़मीन अधिग्रहण और बुनियादी ढाँचे के लिए पूरा पैसा राज्य सरकार ने दिया है।
बेंगलुरु के सांसदों पर साधा निशाना
Congress नेता शिवकुमार ने इस मौके पर बेंगलुरु के सांसदों पर भी तीखा हमला बोला।
– सांसदों की आलोचना: उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के किसी भी सांसद ने इस मेट्रो परियोजना के लिए एक पैसा या कोई सहयोग नहीं दिया है। उन्होंने इसे बेंगलुरु के सभी सांसदों के लिए शर्म की बात बताया। उनके अनुसार, सांसदों को सिर्फ़ तस्वीरें खींचने और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बजाय जनता की सेवा के लिए केंद्र से अनुदान लाना चाहिए।
– बेंगलुरु के लिए ₹1 लाख करोड़ की अपील: शिवकुमार ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा कि बेंगलुरु देश का दूसरा सबसे ज़्यादा टैक्स देने वाला शहर है। इसलिए, जिस तरह दिल्ली के लिए धन दिया जाता है, उसी तरह बेंगलुरु के बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए भी ₹1 लाख करोड़ का विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए।
अहमदाबाद से तुलना और राजनीतिक टकराव
उपमुख्यमंत्री ने बेंगलुरु की तुलना अहमदाबाद से भी की, जो एक राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।
– अहमदाबाद को ज़्यादा सहयोग: उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने अहमदाबाद की बुनियादी ढाँचा परियोजना में 20% का योगदान दिया है, जबकि बेंगलुरु को सिर्फ़ 10% ही दिया गया है, जो कि एक सर्वविदित तथ्य है।
– कांग्रेस और भाजपा में टकराव: शिवकुमार ने भाजपा के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि मेट्रो केंद्र सरकार की परियोजना थी। उन्होंने दावा किया कि मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री एस. एम. कृष्णा ने की थी, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि वे अपने आंकड़े जारी करें कि उन्होंने इस परियोजना में कितना पैसा दिया।
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