नई दिल्ली: कांग्रेस नेता Priyanka Gandhi ने निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि आयोग को राहुल गांधी के उन दावों की जांच करनी चाहिए, जिनमें उन्होंने चुनाव में धांधली की बात कही है। प्रियंका ने साफ़ तौर पर कहा कि अगर ECI को लगता है कि उसकी जिम्मेदारी सिर्फ़ भाजपा (BJP) के प्रति है, तो उसे अपनी सोच पर दोबारा विचार करने की ज़रूरत है।
प्रियंका गांधी का यह बयान तब आया है, जब कुछ दिन पहले ही तीन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (Chief Electoral Officers) ने राहुल गांधी से उन मतदाताओं के नाम मांगे थे, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया था कि उन्हें मतदाता सूची (voter list) में गलत तरीक़े से शामिल किया गया या बाहर रखा गया।
‘हलफनामा’ क्यों मांग रहा है आयोग? -Priyanka Gandhi
प्रियंका ने ECI के ‘हलफनामा’ (affidavit) मांगने के तरीक़े पर सवाल उठाए।
– पुराना कानून: उन्होंने कहा, “वे जिस क़ानून के तहत हलफनामा मांग रहे हैं, उसके मुताबिक आपको 30 दिन के भीतर याचिका (petition) देनी होती है। जब यह समय बीत चुका है, तो फिर हलफनामा क्यों मांगा जा रहा है?”
– जांच क्यों नहीं? प्रियंका ने कहा कि इतना बड़ा ख़ुलासा किया गया है। अगर यह अनजाने में हुआ है, तो इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि ECI मतदाता सूची को मशीन द्वारा पढ़े जा सकने वाले फॉर्मेट में क्यों नहीं दे रहा है, ताकि इसकी निष्पक्ष जांच हो सके?
उन्होंने कहा कि ECI की शपथ संसद में ली जाने वाली शपथ से भी बड़ी होती है। कांग्रेस के नेता सार्वजनिक रूप से सब कुछ कह रहे हैं और सबूत भी दिखा रहे हैं, तो आयोग को जांच करनी चाहिए।
दावों को बिना जांचे गलत कैसे कह सकते हैं?
Priyanka Gandhi ने राहुल गांधी के दावों को दोहराते हुए कहा कि एक विधानसभा में एक लाख से ज़्यादा फ़र्ज़ी वोट पाए गए हैं। उन्होंने ECI की आलोचनात्मक टिप्पणियों पर सीधा सवाल किया, “जब आपने इसकी जांच ही नहीं की, तो आपको कैसे पता कि ये दावे ग़लत हैं? इससे बड़ा कोई मामला हो ही नहीं सकता।”
– लोकतंत्र का सवाल: प्रियंका ने कहा, “यह हमारे देश का लोकतंत्र है, कोई मज़ाक नहीं है। यह किसी एक या दूसरी पार्टी का मामला नहीं है।”
– शिक्षक का उदाहरण: उन्होंने ECI के रवैये की तुलना एक शिक्षक से करते हुए कहा, “अगर आप किसी शिक्षक से कहें कि नकल हो रही है, तो क्या शिक्षक आपको थप्पड़ मारेगा या जांच कराएगा? यहाँ तो वे गाली दे रहे हैं और हलफनामा मांग रहे हैं। अगर आपकी नाक के नीचे इतना बड़ा ‘कांड’ हो रहा है, तो इसकी जांच कीजिए।”
‘विपक्ष को तय करना है आगे की रणनीति’
Priyanka Gandhi ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (Indian National Developmental Inclusive Alliance) के नेता मिलकर तय करेंगे कि चुनाव में धांधली के इस मुद्दे पर आगे कैसे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि यह साफ़ है कि इस मामले में कुछ तो गड़बड़ है।
प्रियंका ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सरकार के पास संसद में एसआईआर (SIR) जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने का साहस नहीं है, तो वह इस मुद्दे पर कैसे चर्चा कराएगी? उन्होंने कहा, “सरकार पूरी तरह से कमज़ोर हो गई है। उन्हें अपना पक्ष रखना चाहिए और हमें अपना।”
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