नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR – National Capital Region) में Builder Bank Nexus पर सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। मकान खरीददारों के साथ कथित धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI – Central Bureau of Investigation) ने बड़ी कार्रवाई की है। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के निर्देशों के बाद, सीबीआई ने बिल्डरों और बैंकों के बीच साठगांठ (collusion) से संबंधित इस मामले में 22 प्राथमिकियां (FIRs – First Information Reports) दर्ज की हैं। अधिकारियों ने बुधवार, 30 जुलाई 2025 को यह जानकारी दी। यह कार्रवाई उन लाखों घर खरीदारों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो वर्षों से अपने फ्लैट्स का इंतज़ार कर रहे हैं।
Builder Bank Nexus CBI का व्यापक तलाशी अभियान
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि एजेंसी ने प्राथमिकी दर्ज करने के तुरंत बाद दिल्ली और एनसीआर में 47 स्थानों पर तलाशी (searches at 47 locations) ली। इस तलाशी अभियान के दौरान, सीबीआई ने विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज (incriminating documents) और कुछ डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य (digital electronic evidence) जब्त किए हैं, जो जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
नामजद बिल्डर और वित्तीय संस्थान
सीबीआई ने अपनी अलग-अलग प्राथमिकियों में कई बड़े बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों को नामजद किया है:
प्रमुख बिल्डर्स:
– जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (JP Sports International Limited)
– जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (Jaiprakash Associates Limited)
– अजनारा इंडिया लिमिटेड (Ajnara India Limited)
– वाटिका लिमिटेड (Vatika Limited)
– जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JP Infratech Limited)
– सुपरटेक (Supertech)
– आइडिया बिल्डर्स (Idea Builders) और अन्य।
बैंकिंग और वित्तीय संस्थान:
– भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India)
– इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (Indiabulls Housing Finance Limited)
– पीरामल फाइनेंस (Piramal Finance)
– एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
– आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
– टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस (Tata Capital Housing Finance)
– पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (PNB Housing Finance Limited)
– अन्य बैंकिंग और वित्तीय संस्थान।
सीबीआई की आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Wing) द्वारा ये प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं, जो वित्तीय धोखाधड़ी और बड़े पैमाने पर अपराधों की जांच में माहिर है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और जांच का विस्तार
सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों न्यायमूर्ति सूर्यकांत (Justice Surya Kant) और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह (Justice N. Kotiswar Singh) की पीठ के निर्देशों के बाद यह कार्रवाई की है। पीठ ने एजेंसी को विभिन्न बिल्डरों और बैंकों के खिलाफ की गई प्रारंभिक छह जांचों (preliminary enquiries) को और जांच के लिए 22 नियमित मामलों (regular cases) में बदलने की अनुमति दी थी। यह दर्शाता है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रहा है और वह विस्तृत जांच चाहता है।
धोखाधड़ी की योजना: बिल्डर-बैंक साठगांठ
यह पूरा मामला बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा घर खरीदने वालों को दी जाने वाली एक आर्थिक सहायता योजना (financial assistance scheme) पर केंद्रित है। इस योजना में, स्वीकृत ऋण राशि सीधे डेवलपर्स (developers) को वितरित की जाती थी। समस्या यह थी कि खरीदार फ्लैटों का कब्ज़ा सौंपे जाने तक ईएमआई (EMI – Equated Monthly Installment) का भुगतान करने के लिए बाध्य थे, जबकि बिल्डर अक्सर निर्धारित समय पर फ्लैटों का निर्माण पूरा नहीं करते थे।
जब डेवलपर्स द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के व्यापक प्रयास के बाद भी कब्जा नहीं दिया गया, तो बैंकों ने घर खरीदारों से ऋण के पुनर्भुगतान की मांग शुरू कर दी। इससे हज़ारों घर खरीदार एक मुश्किल स्थिति में फंस गए, जहाँ उन्हें बिना घर मिले ही EMI का भुगतान करना पड़ रहा था। यह धोखाधड़ी की एक स्पष्ट मिसाल है, जहाँ खरीदारों के पैसे का गलत इस्तेमाल किया गया।
घर खरीदारों के लिए न्याय की उम्मीद
सीबीआई द्वारा दर्ज की गईं ये 22 प्राथमिकियां और व्यापक तलाशी अभियान एनसीआर में घर खरीदारों के साथ हुई इस बड़े पैमाने की धोखाधड़ी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दिखाता है कि नियामक और न्यायिक निकाय ऐसे मामलों में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं ताकि धोखाधड़ी में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जा सके। यह कार्रवाई न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाने की उम्मीद जगाती है, बल्कि भविष्य में ऐसी साठगांठ को रोकने के लिए एक निवारक के रूप में भी काम करेगी।
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