नयी दिल्ली: भारतीय कला जगत में एक नई प्रतिभा का उदय हुआ है! नई दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित AIFACS (All India Fine Arts & Crafts Society) गैलरी में उभरती कलाकार खुशी खंडेलवाल (Khushi Khandelwal) की पहली एकल कला प्रदर्शनी ‘व्हाट्स अंडर माई स्किन?’ (What’s Under My Skin?) का शानदार आगाज़ हुआ है। AIFACS की गैलरी-ए (Gallery-A) में यह प्रदर्शनी 18 जुलाई से 24 जुलाई, 2025 तक आयोजित की जाएगी। शुक्रवार को उनकी अद्भुत कलाकृतियों की प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया, और अब खुशी की ये कलाकृतियां सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए उपलब्ध हैं।
‘व्हाट्स अंडर माई स्किन?’: कला से भावनाओं का संवाद
‘व्हाट्स अंडर माई स्किन?’ सिर्फ एक कला प्रदर्शनी नहीं है; यह कलाकार की आंतरिक चुनौतियों और भावनाओं की गहराइयों की एक झलक है। यह एक ऐसा सफर है जो उन कपटी पहलुओं (insidious aspects) को छूता है जो अक्सर हमारे जीवन की विशेषता होती हैं, लेकिन जिन्हें हम शायद ही कभी व्यक्त कर पाते हैं। अपने इस संग्रह (collection) के माध्यम से, खुशी ने इस बात की पड़ताल की है कि कैसे चिंता (anxiety), नाजुकता (fragility) और मनोवैज्ञानिक जोखिम (psychological vulnerability) जैसी भावनाएं चुपचाप हमारी त्वचा के नीचे मंडराती रहती हैं। ये वो भावनाएं हैं जिनके साथ ज़्यादातर लोग जीते हैं, लेकिन शायद ही कभी उन्हें खुलकर सामने लाते हैं।
गैलरी में आने वाले लोग खुद को ऐसी कलाकृतियों के सामने पाएंगे जो यथार्थवाद (realism) और अमूर्तता (abstraction) के माध्यम से एक अनूठी भाषा को परिभाषित करती हैं। इन कलाकृतियों में ऐसी अनकही कहानियां छिपी हैं जो प्रदर्शनी स्थल छोड़ने के बाद भी आपके जेहन में बनी रहेंगी और आपको सोचने पर मजबूर करेंगी। यह कला सिर्फ देखने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने के लिए है।
दर्शकों की जीवंत प्रतिक्रिया और कला का जुड़ाव
अपने उद्घाटन के दिन से ही प्रदर्शनी में जीवंत गतिविधियां जारी रहीं। इसमें कलाप्रेमी (art lovers), कलाकार (artists), विद्यार्थी (students), संग्रहकर्ता (collectors) और कला आलोचक (art critics) जैसे विविध समूह शामिल हुए। दिन-प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शनी स्थल की दीर्घाओं में आते रहे। यह अपने आप में प्रदर्शनी की सफलता का प्रमाण है।
वास्तव में, कई उपस्थित लोगों को एक ही कैनवस (canvas) के सामने काफी समय बिताते हुए देखा गया, जहाँ वे कलाकृतियों की परतों (layers), बनावटों (textures) और कृतियों में छिपे अर्थ के प्रत्येक प्रतीक (symbol of meaning) पर चिंतन-मनन करते रहे। यह दिखाता है कि खुशी की कला कितनी विचारोत्तेजक (thought-provoking) और संवादात्मक (interactive) है।
यदि कोई इस अद्भुत कला का एक अंश अपने साथ ले जाने का इच्छुक है, तो मूल कलाकृतियां (original artworks) और चयनित प्रिंट (selected prints) बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इससे खुशी की कला उन लोगों के लिए खरीदना सुलभ हो जाएगा जो कला कृतियों का अपना संग्रह शुरू करना चाहते हैं या उसमें कुछ नया जोड़ना चाहते हैं। यह युवा और उभरते कलाकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच भी है।
खुशी खंडेलवाल के विचार: भावनात्मक अनुभव की गहराई
कलाकार खुशी खंडेलवाल ने आगंतुकों के बीच खड़े होकर अपने काम पर चर्चा करते हुए अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, “मैं इतने लोगों और इन सभी वास्तविक प्रतिक्रियाओं से बहुत प्रभावित हूं।” खुशी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, “इतने सारे लोगों को मेरे बनाए उत्पादों से जुड़ते देखना, और यहां तक कि उन लोगों को उनकी कहानियां मेरे साथ साझा करते हुए सुनना, मेरे लिए बहुत ही भावुक कर देने वाला अनुभव रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतनी दयालुता और जुड़ाव का अनुभव होगा, और यह एक ऐसी चीज़ है जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगी।” ये शब्द एक कलाकार के लिए अपने काम के माध्यम से दर्शकों से जुड़ने की खुशी को दर्शाते हैं।
खुशी की कलात्मक यात्रा: प्रतिभा और प्रतिबद्धता
‘व्हाट्स अंडर माई स्किन?’ के माध्यम से खुशी व्यापक समुदाय के साथ एक गहरी निजी बातचीत साझा करके खुद को सामने लाती हैं। उनकी कला हमें विराम लेने, चिंतन (contemplation) के लिए प्रेरित करने और हमें अपनी त्वचा के भीतर छिपी चीज़ों से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है।
प्रदर्शनी में उपस्थित लोगों की निरंतर उपस्थिति और बातचीत न केवल प्रदर्शनी की सफलता का संकेत देती है, बल्कि खुशी खंडेलवाल की कलात्मक यात्रा में एक रोमांचक अध्याय की शुरुआत भी दर्शाती है।
कलाकार के बारे में:
खुशी खंडेलवाल (20 वर्ष) एक प्रतिभाशाली और उभरती हुई कलाकार हैं। वह सिंगापुर के लासाले कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स (LASALLE College of the Arts) से फाइन आर्ट्स में बीए (ऑनर्स) की पढ़ाई कर रही हैं। उनकी कलात्मक कला मिश्रित माध्यमों (mixed media) और स्थापना (installation) के माध्यम से स्मृति (memory), भौतिकता (materiality) और व्यक्तिगत इतिहास (personal history) के विषयों को अपनाती है।
खुशी का कला के प्रति समर्पण पहले भी पहचाना जा चुका है। उन्होंने 2023 में वेलहम गर्ल्स स्कूल (Welham Girls’ School) में ‘कला में उत्कृष्टता के लिए सुरेश खन्ना ट्रॉफी’ (Suresh Khanna Trophy for Excellence in Art) जीती थी। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार कला-निर्माण के रचनात्मक कार्य के प्रति उनकी दिशा और प्रतिबद्धता को मान्यता देता है, और कला में उत्कृष्टता के लिए उन्हें एक विशेष स्थान प्रदान करता है। इससे पहले, वह सिंगापुर में ‘एवरीथिंग इन बिटवीन’ (Everything in Between, 2024) और ‘क्रम्ब्स’ (Crumbs, 2025) जैसी प्रदर्शनियों में भी भाग ले चुकी हैं, जहाँ उनकी कला को सराहना मिली।
खुशी खंडेलवाल का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है और यह प्रदर्शनी निश्चित रूप से उनके कला करियर में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।