नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अहम संकेतक माने जाने वाले प्रत्यक्ष कर (direct tax) संग्रह में इस चालू वित्त वर्ष (financial year) में गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल 11 अगस्त तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (net direct tax collection) 3.95 प्रतिशत घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा। यह आंकड़ा सरकार के राजस्व लक्ष्य (revenue target) के लिए एक चुनौती पेश करता है, लेकिन गिरावट की असली वजह कुछ और है।
क्या होता है डायरेक्ट टैक्स?
इससे पहले कि हम आंकड़ों को समझें, यह जानना जरूरी है कि प्रत्यक्ष कर क्या होता है। प्रत्यक्ष कर वह कर है जो सीधे व्यक्तियों और संस्थानों की आय या कमाई पर लगता है। इसमें मुख्य रूप से कॉर्पोरेट टैक्स (corporate tax) (कंपनियों की कमाई पर लगने वाला टैक्स) और गैर-कॉर्पोरेट टैक्स (non-corporate tax) (व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों, फर्मों आदि की आय पर लगने वाला आयकर) शामिल हैं।
आंकड़ों की जुबानी: कलेक्शन क्यों घटा?
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 1 अप्रैल से 11 अगस्त के बीच कुल सकल कर संग्रह (gross tax collection) (यानी रिफंड देने से पहले) 1.87 प्रतिशत घटकर 7.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि में 8.14 लाख करोड़ रुपये था।
– रिफंड की भूमिका: असली कहानी ‘रिफंड’ (refunds) में छिपी है। चालू वित्त वर्ष में अब तक सरकार ने 1.35 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है, जो पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है।
– शुद्ध और सकल का फर्क: सकल संग्रह से रिफंड को घटाने के बाद शुद्ध संग्रह का आंकड़ा मिलता है। चूंकि इस साल रिफंड ज्यादा दिए गए हैं, इसलिए कुल शुद्ध संग्रह का आंकड़ा कम दिखाई दे रहा है, भले ही सकल संग्रह में ज्यादा गिरावट नहीं आई है।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण आंकड़े:
– कॉर्पोरेट टैक्स: शुद्ध कॉर्पोरेट टैक्स संग्रह लगभग 2.29 लाख करोड़ रुपये रहा।
– गैर-कॉर्पोरेट टैक्स: गैर-कॉर्पोरेट टैक्स 4.12 लाख करोड़ रुपये रहा।
– एसटीटी (STT): प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) (Securities Transaction Tax – STT) का संग्रह 22,362 करोड़ रुपये रहा।
आगे की राह: क्या सरकार लक्ष्य हासिल कर पाएगी?
यह गिरावट सरकार के लिए एक चेतावनी है, खासकर तब जब सरकार ने इस वित्त वर्ष (financial year) (2025-26) में प्रत्यक्ष कर संग्रह का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य (ambitious target) तय किया है।
– बड़ा लक्ष्य: सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर से 25.20 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने का अनुमान लगाया है, जो सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है।
– बड़ी चुनौती: पहले चार महीनों में रिकवरी के बावजूद बड़ी चुनौती अभी भी बाकी है। सरकार का लक्ष्य एसटीटी से भी 78,000 करोड़ रुपये जुटाना है। सरकार को अब कलेक्शन बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आने वाले महीनों में राजस्व लक्ष्य पूरा हो।
कुल मिलाकर, जुलाई के आंकड़े एक मिश्रित तस्वीर (mixed picture) पेश करते हैं। गिरावट चिंताजनक जरूर है, लेकिन यह मुख्य रूप से रिफंड ज्यादा होने के कारण है, न कि टैक्स कलेक्शन में गिरावट के कारण।
Latest Business News in Hindi, Stock Market Updates सबसे पहले मिलेंगे आपको सिर्फ Business Buzz Times पर. बिजनेस न्यूज़ और अन्य देश से जुड़ी खबरें से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter(X) पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।