नई दिल्ली: जीएसटी (GST) प्रणाली में बड़े सुधार के संकेत मिलने के बाद, अब Mobile Phones Industries ने एक बड़ी मांग सामने रखी है। मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनियों के प्रमुख संगठन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने सरकार से मांग की है कि मोबाइल फोन और उनके कलपुर्जों को पांच प्रतिशत GST स्लैब में शामिल किया जाए। यह मांग इसलिए भी अहम है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जीएसटी व्यवस्था में बदलाव का संकेत दिया था।
क्या है सरकार का नया GST सुधार?
फिलहाल, भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर चार अलग-अलग जीएसटी स्लैब GST Slabs लगते हैं – 5%, 12%, 18% और 28%। लेकिन प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि जल्द ही इस व्यवस्था को सरल बनाया जाएगा।
– नए सुधार के तहत दो ही मुख्य GST स्लैब होंगे – 5% और 18%।
– 5% स्लैब में जरूरी खाद्य पदार्थों और रोजमर्रा के काम आने वाली चीजों को रखा जाएगा।
– 18% स्लैब में बाकी के स्टैंडर्ड गुड्स और सेवाएं (standard goods and services) शामिल होंगी।
– इसके अलावा, विलासिता (luxury) और समाज के लिए नुकसानदेह चीजों पर 40% जीएसटी लगाने का भी प्रस्ताव है।
अभी मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स पर 18% जीएसटी लगता है, जिसकी वजह से ये महंगे होते हैं। आईसीईए इसी 18% की दर को ‘पीछे ले जाने वाला’ बता रहा है।
क्यों जरूरी है मोबाइल फोन पर GST कम करना?
आईसीईए ICEA के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा कि अब मोबाइल फोन सिर्फ एक गैजेट नहीं रहा है, बल्कि यह जीवन के हर पहलु के लिए एक अनिवार्य और आवश्यक उपकरण बन गया है। उन्होंने कई अहम तर्क दिए हैं कि क्यों इसे 5% स्लैब में रखा जाना चाहिए।
– डिजिटल बुनियादी ढांचा: मोबाइल फोन अब शिक्षा, हेल्थकेयर, वित्तीय समावेश (financial inclusion) और गवर्नेंस के लिए एक जरूरी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है। कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन क्लासेस और डॉक्टर से ऑनलाइन बात करने के लिए भी मोबाइल फोन की जरूरत बढ़ गई है।
– डिजिटल इंडिया मिशन: भारत सरकार का लक्ष्य एक समावेशी (inclusive) डिजिटल इंडिया बनाना है। यह तभी संभव हो सकता है, जब अधिक से अधिक लोगों तक स्मार्टफोन की पहुंच हो। अगर फोन महंगे रहेंगे, तो यह लक्ष्य मुश्किल हो जाएगा।
– आर्थिक विकास: मोबाइल फोन पर जीएसटी कम करने से देश के इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी और भारत के 500 अरब डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
GST कम होने के फायदे: आम आदमी को क्या मिलेगा?
अगर सरकार यह मांग मान लेती है, तो इसका सीधा फायदा आम आदमी को होगा। इसकी वजह से देश में एक बड़ा बदलाव आ सकता है।
– फोन होंगे सस्ते: 18% से घटकर 5% जीएसटी होने से मोबाइल फोन की कीमत में सीधे कमी आएगी, जिससे यह और भी किफायती (affordable) हो जाएगा।
– मांग बढ़ेगी: सस्ते फोन मिलने से उनकी मांग बढ़ेगी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और कम आय वाले वर्ग में। इससे बाजार में उछाल आएगा ।
– डिजिटल पहुंच का विस्तार: जब ज्यादा लोगों के पास स्मार्टफोन होंगे, तो डिजिटल पेमेंट (UPI), डिजिटल साक्षरता और ऑनलाइन सरकारी सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी । यह सही मायनों में भारत को एक पूरी तरह से डिजिटल राष्ट्र बनाएगा ।
आगे क्या? क्या सरकार मानेगी यह मांग?
आईसीईए ICEA ने अपनी मांग सरकार के सामने रख दी है। अब सबकी नजरें जीएसटी कौंसिल और सरकार पर टिकी हैं। सरकार को इस मांग पर विचार करना होगा कि क्या वह टैक्स राजस्व (tax revenue) में कमी करके भी डिजिटल पहुंच को बढ़ावा देना चाहती है। अगर यह फैसला होता है, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए एक बहुत बड़ा कदम होगा।
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