GST फ्रॉड पर बड़ी खबर: ₹15,851 करोड़ के फर्जी ITC दावे पकड़े गए, 53 गिरफ्तारियां!

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नई दिल्ली: देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए चल रहे अभियान के तहत, GST अधिकारियों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 15,851 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों का पता चला है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 29 प्रतिशत ज्यादा है, जो दर्शाता है कि टैक्स चोरी करने वाले नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हालांकि, एक अच्छी खबर यह है कि जाली कंपनियों (Fake Companies) की संख्या में सालाना आधार पर कमी आई है।

फर्जीवाड़े का नया चेहरा: ITC क्लेम में रिकॉर्ड उछाल

GST अधिकारियों के लिए फर्जी ITC दावे हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहे हैं। इस साल अप्रैल से जून के बीच पकड़े गए 15,851 करोड़ रुपये के फर्जी ITC दावे पिछले साल के 12,304 करोड़ रुपये से काफी ज्यादा हैं। यह साफ दिखाता है कि बेईमान तत्व सरकारी खजाने को चूना लगाने के लिए फर्जी बिलों और फर्जी कंपनियों का सहारा ले रहे हैं। इन फर्जी दावों से निपटने के लिए GST प्रशासन लगातार अपनी निगरानी बढ़ा रहा है और नए तरीकों पर काम कर रहा है।

जाली कंपनियों पर नकेल: संख्या घटी, फिर भी चुनौती बरकरार

अच्छी बात यह है कि फर्जी कंपनियों के खिलाफ चलाए गए अभियान (Campaign) का असर दिख रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में केंद्रीय और राज्य GST अधिकारियों द्वारा पकड़ी गई जाली कंपनियों की कुल संख्या 3,558 रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 3,840 के आंकड़े से कम है। एक अधिकारी ने बताया, “औसतन, हर महीने लगभग 1,200 फर्जी कंपनियां पकड़ में आ रही हैं। अप्रैल-जून की अवधि में फर्जी कंपनियों की संख्या पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कम है, जो दर्शाता है कि फर्जी GST रजिस्ट्रेशन के खिलाफ अभियान कारगर रहा है।” यह दिखाता है कि सरकार की सख्ती का असर हो रहा है, लेकिन अभी भी हर महीने इतनी बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियों का पकड़ा जाना एक बड़ी चुनौती है।

क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) और क्यों होता है इसका दुरुपयोग?

बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता कि आखिर यह ITC क्या है। आसान भाषा में समझें तो, ITC वह टैक्स है जो एक कंपनी अपने सप्लायर्स (Suppliers) से सामान या सर्विस खरीदते समय चुकाती है। जब वही कंपनी अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेज बेचती है, तो उसे सरकार को GST चुकाना होता है। इस भुगतान के समय, कंपनी अपनी खरीदी पर चुकाए गए ITC का क्रेडिट या कटौती के रूप में दावा कर सकती है। यानी, अगर आपने कोई सामान ₹100 का खरीदा और उस पर ₹18 GST दिया, तो जब आप वही सामान आगे बेचेंगे, तो ₹18 का क्रेडिट ले सकते हैं।

लेकिन, बेईमान तत्व इसी सिस्टम का फायदा उठाते हैं। वे सिर्फ ITC का दावा करने और सरकारी खजाने को चूना लगाने के लिए फर्जी कंपनियां बना लेते हैं। ये कंपनियां न तो कोई असली सामान खरीदती हैं और न ही बेचती हैं, बस फर्जी बिल बनाकर ITC का दावा करती हैं। यह एक तरह की टैक्स चोरी (Tax Evasion) है जो देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाती है।

सरकार के कड़े कदम: लगातार अभियान जारी

GST प्रशासन इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए लगातार सक्रिय है। चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के दौरान, GST अधिकारियों ने 3,558 फर्जी फर्मों से जुड़े 15,851 करोड़ रुपये के ITC धोखाधड़ी का पता लगाया। इस अवधि में, 53 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 659 करोड़ रुपये बरामद किए गए।

अगर हम पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में, GST अधिकारियों ने 3,840 फर्जी कंपनियों से जुड़े 12,304 करोड़ रुपये के फर्जी ITC का पता लगाया था। तब 549 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे और 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, GST अधिकारियों ने 61,545 करोड़ रुपये की ITC धोखाधड़ी में शामिल 25,009 फर्जी कंपनियों का पता लगाया था।

सरकार ने फर्जी GST रजिस्ट्रेशन के खिलाफ दो बड़े अखिल भारतीय अभियान (All India Campaigns) भी चलाए हैं:

  1. पहला अभियान (16 मई, 2023 से 15 जुलाई, 2023): इस दौरान 21,791 GST रजिस्ट्रेशन वाली इकाइयां ऐसी मिलीं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं था। इस अभियान में 24,010 करोड़ रुपये की संदिग्ध कर चोरी का पता चला था।
  2. दूसरा अभियान (16 अप्रैल से 30 अक्टूबर, 2024): इस अभियान में लगभग 18,000 फर्जी कंपनियों का पता चला, जो लगभग 25,000 करोड़ रुपये की कर चोरी में शामिल रही हैं।

ये अभियान साफ दर्शाते हैं कि सरकार फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कितनी गंभीर है और लगातार कार्रवाई कर रही है।

राज्यों की भूमिका और आगे की राह

GST धोखाधड़ी से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अध्यक्षता में राज्यों के वित्त मंत्रियों की एक समिति (Committee of State Finance Ministers) वर्तमान में विशिष्ट क्षेत्रों में कर चोरी का अध्ययन कर रही है और ITC धोखाधड़ी को रोकने के तरीकों पर विचार कर रही है। यह समिति अपनी सिफारिशें देगी, जिससे भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़ों को और प्रभावी ढंग से रोका जा सकेगा।

यह स्पष्ट है कि फर्जी ITC दावे और जाली कंपनियां GST सिस्टम के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। हालांकि, अधिकारियों की लगातार निगरानी और सख्त अभियानों से इन पर नकेल कसी जा रही है। सरकार का लक्ष्य एक ऐसा GST सिस्टम बनाना है जो न केवल आसान हो, बल्कि टैक्स चोरी से भी मुक्त हो, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके और ईमानदार करदाताओं को कोई परेशानी न हो।

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