नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बताया कि आयकर विभाग (Income Tax Department) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में कर चोरी (tax evasion) पर नकेल कसने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि इस दौरान कुल 465 सर्वे किए गए, जिनसे ₹30,444 करोड़ की अघोषित आय (undisclosed income) का पता चला।
Income Tax Department पिछले सालों के आँकड़े?
मंत्री ने पिछले कुछ सालों के Income Tax Department के आँकड़े भी पेश किए, जिनसे पता चलता है कि विभाग की कार्रवाई कितनी प्रभावी रही है:
– वित्तीय वर्ष 2023-24: इस साल 737 सर्वे किए गए, जिनसे ₹37,622 करोड़ की अघोषित आय का पता चला था।
– वित्तीय वर्ष 2022-23: इस साल 1,245 सर्वे हुए थे, जिनसे ₹9,805 करोड़ की अघोषित आय का पता चला था।
इन आँकड़ों से यह साफ़ है कि भले ही सर्वे की संख्या कम हुई हो, लेकिन हर सर्वे से मिलने वाली अघोषित आय का औसत बढ़ गया है। यह दिखाता है कि विभाग अब ज़्यादा सटीक जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रहा है।
सर्च और सीज़र ऑपरेशन में भी तेज़ी
सर्वे के अलावा, Income Tax Department ने तलाशी और ज़ब्ती अभियान (search and seizure operations) भी चलाए हैं।
– वित्तीय वर्ष 2024-25: इस दौरान 1,437 समूहों पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिनसे ₹2,504 करोड़ की संपत्तियाँ जब्त की गईं।
– वित्तीय वर्ष 2023-24: इस साल 1,166 समूहों की तलाशी ली गई और ₹2,555 करोड़ की संपत्तियाँ जब्त की गईं।
– वित्तीय वर्ष 2022-23: इस साल 1,437 समूहों पर कार्रवाई हुई थी और ₹1,766 करोड़ की संपत्तियाँ जब्त की गई थीं।
पंकज चौधरी ने कहा कि विभाग तभी कार्रवाई करता है जब उसे प्रत्यक्ष कर चोरी (direct tax evasion) से जुड़ी कोई विश्वसनीय जानकारी मिलती है। विभाग ऐसी जानकारी मिलने पर सर्वे, तलाशी और ज़ब्ती जैसे अभियान चलाता है, ताकि अघोषित आय को कर के दायरे में लाया जा सके।
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