नई दिल्ली: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को स्पष्ट किया कि नए आयकर विधेयक, 2025 (New Income Tax Bill, 2025) में कर की किसी भी दर में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण उन अफवाहों के जवाब में आया है जिनमें दावा किया जा रहा था कि विधेयक में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG – Long Term Capital Gains) पर कर दरों में बदलाव प्रस्तावित है। यह ख़बर उन निवेशकों और करदाताओं के लिए एक राहत है जो संभावित परिवर्तनों को लेकर चिंतित थे।
New Income Tax Bill 2025: अफवाहों का खंडन
आयकर विभाग ने ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “यह स्पष्ट किया जाता है कि आयकर विधेयक, 2025 का मकसद भाषा को सरल बनाना और अनावश्यक या अप्रचलित प्रावधानों को हटाना है।” विभाग ने जोर देकर कहा, “यह (विधेयक) करों की किसी भी दर में बदलाव का प्रस्ताव नहीं करता है।” यह बयान सीधे तौर पर उन अटकलों को खारिज करता है जो LTCG और अन्य कर दरों में बढ़ोतरी या कमी की संभावना पर आधारित थीं।
विभाग ने आगे कहा कि इस संबंध में किसी भी अस्पष्टता का विधेयक पारित होने के दौरान उचित रूप से समाधान किया जाएगा। इसका अर्थ है कि यदि विधेयक की भाषा में कोई भी अस्पष्टता है जो कर दरों को लेकर भ्रम पैदा कर सकती है, तो उसे संसद में बहस और अनुमोदन प्रक्रिया के दौरान ठीक कर लिया जाएगा।
New Income Tax Bill 2025 का मुख्य उद्देश्य
नया आयकर विधेयक, 2025, फरवरी में संसद में पेश किया गया था और फिर इसे एक संसदीय समिति को भेज दिया गया। समिति ने 21 जुलाई, 2025 को विधेयक पर अपनी सिफारिशें संसद में प्रस्तुत कीं।
जैसा कि आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है, इस विधेयक का प्राथमिक उद्देश्य आयकर कानूनों की भाषा को सरल बनाना (simplifying the language of income tax laws) और अनावश्यक या अप्रचलित प्रावधानों को हटाना (removing redundant or obsolete provisions) है। भारतीय कर प्रणाली, विशेष रूप से आयकर अधिनियम, अपनी जटिलता के लिए जानी जाती है, जिसमें कई पुराने और दोहराए गए प्रावधान हैं। यह विधेयक इन समस्याओं को दूर करने और करदाताओं के लिए कानूनों को समझना आसान बनाने का प्रयास करता है।
LTCG कर और उसकी संवेदनशीलता
दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर निवेशकों के लिए एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, खासकर इक्विटी और अचल संपत्ति से जुड़े निवेशों में। भारत में इक्विटी पर LTCG टैक्स 1 लाख रुपये से अधिक के लाभ पर 10% है, जो कुछ छूटों के साथ आता है। इस दर में किसी भी बदलाव से शेयर बाज़ार और रियल एस्टेट बाज़ार पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। आयकर विभाग का यह स्पष्टीकरण निवेशकों को अनावश्यक घबराहट से बचाने में मदद करेगा।
New Income Tax Bill 2025: स्थिरता और सरलता पर ज़ोर
आयकर विभाग का यह बयान सरकार की कर नीति में स्थिरता बनाए रखने की इच्छा को दर्शाता है। एक ऐसे समय में जब आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जा रहा है, कर दरों में कोई बड़ा बदलाव अनिश्चितता पैदा कर सकता था। इसके बजाय, सरकार का ध्यान कर कानूनों को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने और अनावश्यक जटिलताओं को दूर करने पर है। यह पारदर्शिता और सरलता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जिससे करदाताओं के लिए नियमों का पालन करना आसान हो जाएगा।