आणंद (गुजरात): भारत के सबसे प्रतिष्ठित डेयरी ब्रांड ‘अमूल’ (Amul) का संचालन करने वाली शीर्ष सहकारी संस्था, गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (Gujarat Cooperative Milk Marketing Federation – GCMMF) को नया नेतृत्व मिल गया है। सहकारी नेता अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) मंगलवार को GCMMF के निर्विरोध चेयरमैन (unanimously elected Chairman) चुने गए। यह महासंघ गुजरात और देश के कई अन्य राज्यों में दूध और डेयरी उत्पादों का सफलतापूर्वक विपणन करता है, जिससे लाखों डेयरी किसानों को लाभ मिलता है।
गोरधन धमेलिया बने वाइस चेयरमैन: निर्विरोध चुनाव प्रक्रिया
GCMMF के नेतृत्व में यह बदलाव एक निर्विरोध चुनाव प्रक्रिया के तहत हुआ है। आणंद के जिला कलेक्टर और चुनाव अधिकारी प्रवीण चौधरी (Praveen Chaudhary) ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि गोरधन धमेलिया (Gordhan Dhameliya) को भी GCMMF का निर्विरोध वाइस चेयरमैन (Vice Chairman) चुना गया है।
प्रवीण चौधरी ने स्पष्ट किया, “अशोक चौधरी और गोरधन धमेलिया निर्विरोध चुने गए क्योंकि इन पदों के लिए कोई अन्य नामांकन प्राप्त नहीं हुआ था।” यह महासंघ के सदस्यों के बीच सर्वसम्मति और विश्वास को दर्शाता है। GCMMF के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के चुनाव के लिए महासंघ की एक महत्वपूर्ण बैठक आणंद में आयोजित हुई थी।
GCMMF की संरचना और सदस्य समितियां
गुजरात की 18 सहकारी डेयरी समिति इस महासंघ की सदस्य हैं। ये समितियां राज्य भर में फैले लाखों डेयरी किसानों से दूध एकत्र करती हैं और उसे प्रसंस्करण (processing) और विपणन (marketing) के लिए GCMMF को देती हैं। यह सहकारी मॉडल भारत में डेयरी उद्योग की सफलता का एक शानदार उदाहरण है, जो किसानों को उचित मूल्य और बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करता है।
नए नेतृत्व की पृष्ठभूमि: डेयरी क्षेत्र का अनुभव
नवनियुक्त चेयरमैन अशोक चौधरी मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (Mehsana District Cooperative Milk Producers’ Union – Dudhsagar Dairy) के प्रमुख हैं। दूधसागर डेयरी गुजरात की सबसे बड़ी और पुरानी डेयरी सहकारी समितियों में से एक है, जिसका एक समृद्ध इतिहास है। चौधरी का इस बड़े और सफल सहकारी संगठन का नेतृत्व करने का अनुभव उन्हें GCMMF के चेयरमैन के रूप में अपनी भूमिका निभाने में मदद करेगा।
वहीं, वाइस चेयरमैन गोरधन धमेलिया राजकोट जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (Rajkot District Cooperative Milk Producers’ Union Limited – Gopal Dairy) के चेयरमैन हैं। राजकोट और सौराष्ट्र क्षेत्र में गोपाल डेयरी का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। दोनों नेताओं के पास गुजरात के डेयरी सहकारी क्षेत्र का गहरा ज्ञान और व्यापक अनुभव है, जो GCMMF के भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा।
अशोक चौधरी का विजन: 36 लाख डेयरी किसानों का विकास
GCMMF का चेयरमैन चुने जाने के बाद, अशोक चौधरी ने अपनी प्राथमिकताएं साझा कीं। उन्होंने कहा कि वह महासंघ के विकास को सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे, क्योंकि लगभग 36 लाख डेयरी किसान (3.6 million dairy farmers) इससे सीधे जुड़े हुए हैं। यह आंकड़ा भारत के ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अमूल और GCMMF के महत्व को रेखांकित करता है।
चौधरी के नेतृत्व में, GCMMF अपने किसानों के हितों की रक्षा करने, दूध उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने, और अमूल ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। अमूल भारत का एक घरेलू नाम है और दुनिया के सबसे बड़े डेयरी ब्रांडों में से एक है। नए नेतृत्व के तहत, उम्मीद है कि यह अपनी विकास गाथा को जारी रखेगा और लाखों किसानों के जीवन में सुधार लाएगा।
