नई दिल्ली: भारत की जानी-मानी रोज़मर्रा के घरेलू उपभोग का सामान (Fast-Moving Consumer Goods – FMCG) बनाने वाली दिग्गज कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestlé India) ने गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को एक बड़ी घोषणा की है। कंपनी ने मनीष तिवारी (Manish Tiwary) को अपने निदेशक मंडल का नया चेयरमैन (Chairman) नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगी। वर्तमान चेयरमैन सुरेश नारायणन (Suresh Narayanan) 31 जुलाई, 2025 को अपनी सेवानिवृत्ति (retirement) के बाद कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (Chairman and Managing Director – CMD) के रूप में अपना पद छोड़ देंगे।
नेतृत्व में बदलाव और नई जिम्मेदारी की बारीकी
नेस्ले इंडिया ने शेयर बाज़ार (stock exchange) को दी गई सूचना में स्पष्ट किया कि कंपनी के बोर्ड (Board of Directors) ने गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को हुई बैठक में मनीष तिवारी को चेयरमैन के रूप में नियुक्त करने को मंज़ूरी दे दी है। इस घोषणा के अनुसार, तिवारी 1 अगस्त, 2025 से कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का पदभार संभालेंगे। यह बदलाव नेस्ले इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, खासकर ऐसे समय में जब कंपनी भारतीय बाज़ार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने तथा डिजिटल विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
उत्तराधिकार योजना और मनीष तिवारी का व्यापक अनुभव
मैगी, नेस्कैफे और किटकैट जैसे लोकप्रिय उत्पाद बनाने वाली नेस्ले इंडिया ने अपनी उत्तराधिकार योजना (succession plan) की घोषणा पहले ही कर दी थी। इस योजना के तहत, मनीष तिवारी को लगातार पांच वर्षों के लिए निदेशक और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है, जो 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2030 तक प्रभावी रहेगा। यह एक लंबी अवधि का कार्यकाल है जो कंपनी को उनके नेतृत्व में स्थिरता प्रदान करेगा।
तिवारी की नियुक्ति प्रक्रिया भी चरणबद्ध तरीके से की गई है। उन्हें 1 फरवरी, 2025 से प्रबंध निदेशक (नामित) (Managing Director – Designate) और 24 अप्रैल, 2025 से प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक (Key Managerial Personnel – KMP) के रूप में नियुक्त किया गया था। नेस्ले इंडिया में शामिल होने से पहले, मनीष तिवारी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी (e-commerce company) अमेज़न (Amazon) के साथ काम कर रहे थे। उनका व्यापक अनुभव, विशेष रूप से डिजिटल और ई-कॉमर्स स्पेस में, नेस्ले इंडिया को बदलते उपभोक्ता व्यवहार और ऑनलाइन बिक्री चैनलों में आगे बढ़ने में मदद करेगा। यह एफएमसीजी सेक्टर में तेजी से हो रहे डिजिटल परिवर्तन के दौर में एक महत्वपूर्ण asset साबित होगा।
सुरेश नारायणन का विरासत और ‘मैगी संकट’ में नेतृत्व
सुरेश नारायणन ने नेस्ले इंडिया को उसके सबसे चुनौतीपूर्ण समय में नेतृत्व प्रदान किया है, खासकर एक दशक पहले आए ‘मैगी संकट’ (Maggi crisis) के दौरान। उस दौरान कंपनी को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, जब उसके प्रमुख उत्पाद मैगी नूडल्स को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं सामने आई थीं। नारायणन के कुशल और शांत नेतृत्व में कंपनी उस संकट से सफलतापूर्वक उबर पाई और मैगी ने भारतीय बाज़ार में अपनी मजबूत वापसी की।
नारायणन ने अपने कार्यकाल में कंपनी को मजबूत बनाया, ब्रांड की विश्वसनीयता बहाल की, और इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले कंपनी के सभी हितधारकों (stakeholders) – जिनमें कर्मचारी, निवेशक, ग्राहक और साझेदार शामिल हैं – का आभार व्यक्त किया है। उनकी विरासत नेस्ले इंडिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज रहेगी।
आगे की राह: चुनौतियां और नए अवसर
मनीष तिवारी के नेतृत्व में, नेस्ले इंडिया को भारतीय एफएमसीजी बाज़ार में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इनमें बढ़ती प्रतिस्पर्धा, बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताएं, कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डिजिटल व्यापार के विस्तार जैसे मुद्दे शामिल हैं। हालांकि, तिवारी के पास भारतीय बाज़ार की गहरी समझ और ई-कॉमर्स का अनुभव है, जो कंपनी को इन चुनौतियों का सामना करने और नए अवसरों का लाभ उठाने में मदद करेगा।
नेस्ले इंडिया अपनी मजबूत ब्रांड पहचान, गुणवत्ता वाले उत्पादों और विस्तृत उत्पाद पोर्टफोलियो के साथ भारतीय उपभोक्ताओं के बीच अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश करेगा। मनीष तिवारी के नेतृत्व में, कंपनी से डिजिटल नवाचार, नए उत्पाद लॉन्च और बाज़ार विस्तार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस तरह से कंपनी को अगले स्तर पर ले जाते हैं।
